मानव जाति के रूप में अपने अस्तित्व को बनाये रखने की हमारी क्षमता उन बातों पर निर्भर करती है कि किस प्रकार हम अपने आस-पास की चीजों, जिन्हें हम देखते हैं, सुनते हैं, स्पर्श करते हैं, सूंघते हैं, स्वाद लेते हैं या अनुभव प्राप्त करते हैं, के बारे में कैसे विचार रखते हैं । तथापि, नजदीक या दूर की वस्तुओं को देखने की हमारी क्षमता पर बहुत कुछ निर्भर करता है । हममें से अनेक के लिए, बाहरी दुनिया के वातायन हमेशा के लिए बंद हैं । फिर भी हमें स्वयं के वास्ते बाहरी दुनिया के बारे में दृष्टिकोण बनाना पड़ता है, भले ही संपूर्ण या आंशिक अंधेरा क्यों न हो । बिऔप्रौसं मंभ हमसे जुड़ें और ‘अंधेरे में दुनिया’ का अनुसंधान करें ।
यह अनोखी प्रदर्शनी विशेष रूप से दृष्टिहीन दिव्यांगों के लिए अभिकल्पित है जिसका उद्देश्य ग्रह जहाँ हम रहते हैं तथा ब्रह्मांड के विभिन्न पहलुओं के बारे में उन्हें कारगर जानकारी दी जा सके ।
परिसर का क्षेत्रफल : 265 वर्ग मीटर
प्रदर्शों की संख्या : 19