बिऔप्रौसं में ‘गणित’ पर नयी दीर्घा (8 मई 2010 को उद्घाटन किया गया) का प्रयास गणितीय अवधारणाओं को सरल विधि से प्रस्तुत करना है और प्रतिरूपों, कार्यकारी प्रदर्शों के माध्यम से आनन्दप्रद शैक्षिक अनुभव प्रदान करना है ताकि युवा पीढ़ी में विषय के प्रति अभिरूचि उत्पन्न हो सके और बढ़े हुए आत्मबल के साथ वे विशुद्ध विज्ञान की पढ़ाई उच्चतर कक्षाओं में कर सकें ।
अधिकांशत: संवादात्मक प्रदर्शों एवं ग्राफिकीय उदाहरणें से संपुष्ट यह दीर्घा प्रभावी ढंग से गणित प्रयोगशाला के रूप में कार्य करती है जिससे मौलिक गणितीय अवधारणाओं को देखने के अवसर प्राप्त हों और इससे गणितीय समस्याओं को हल करने में मदद मिल सके तथा गणित के आंतरिक सौन्दर्य को बेहतर तरीके से समझा जा सके ।
300 वर्ग मीटर में फैली इस दीर्घा में 54 संवादात्मक प्रतिदर्श हैं, दीर्घा के विषयगत कैनवास में संख्याओं का संक्षिप्त इतिहास, संख्या सिद्धांत, अवस्थानगत संख्या प्रणाली हैं जो उनके विकास में भारत के बीज अवदान, मौलिक अंकगणितीय प्रचालनों, सरल एवं वक्र सतहों की ज्यामिती, ठोस ज्यामिती एवं शांकव, गणितीय कार्य, संभाव्यता एवं सांख्यिकी, कैलकुलस के मौलिक सिद्धांत, प्रकृति में गणित ओर बच्चों के लिए अनेक गणितीय पहेलियों एवं दिमाग को झकझोरने वाले गणितीय जानकारियाँ उपलब्ध हैं ।
साथ में आये स्कूली शिक्षकों द्वारा गणित पर एक कक्षा सत्र के संचालन के लिए सुविधाओं से युक्त एक “मैथ डेमो कार्नर” तथा ‘बाल क्रियात्मक कोना’ इस दीर्घा के आकर्षण को बढ़ाते हैं ।
परिसर का क्षेत्रफल : 475 वर्ग मीटर
प्रदर्शों की संख्या : 45
दीर्घा में गणित प्रदर्शन समय-सीमा | 11:30 पूर्वाह्न, 1:15 अपराह्न एवं 4:00 अपराह्न |
स्कूली समूहों के लिए विशेष गणितीय प्रदर्शन | अनुरोध पर |