संग्रहालय की 56वीं वर्षगांठ के अवसर पर 2 मई, 2015 को “विद्युत” पर एक नयी दीर्घा का उद्घाटन ऊर्जा एवं गैर परम्परागत ऊर्जा स्रोतों के माननीय मंत्री, पश्चिम बंगाल सरकार श्री मनीश गुप्ता ने किया ।
असंख्य त्री विमीय संवादात्मक प्रदर्शों के माध्यम से विद्युत दीर्घा – इसके विभिन्न स्रोतों एवं प्रकारों, उद्योग तथा हमारे घरों में इसके अनुप्रयोग और आज की विद्युत संचालित सभ्यता के विकास में इसके योगदान की कहानी दर्शाती है । इस दीर्घा का मुख्य आकर्षण ‘उच्च वोल्टता प्रेक्षागृह’ है जो स्थैतिक विद्युत का चमत्कार दर्शाता है और दर्शकों को वहाँ आनन्दकारी एवं विस्मरणीय रोंगटे खड़े करने वाले अनुभव प्राप्त होते हैं ।
दीर्घा में अन्य प्रदर्श हैं – क्यूरी प्वाइंट, स्पिनिंग एग, ग्रांड शटल, अल्टर्नेट एवं डाइरेक्ट करेंट, स्टोरेज सेल्स और बैट्रीज, स्वच्छ ऊर्जा स्रोत, ट्रांसमिशन लॉस एवं ट्रांसफार्मर्स, इलेक्ट्रिकल सर्किट्स एंड सेफ्टी, एलसीआर सेफ्टी, ऊर्जा बचत, स्पार्क व्हील, वैन द ग्राफ जेनरेटर, जंपिंग डिस्क, इलेक्ट्रोमैग्नेटिक इन्डक्सन इत्यादि । ये सभी प्रदर्श कक्षा IX – XII तक के विद्यार्थियों के पाठ्यक्रम से संबंधित हैं ।
कलकत्ता इलेक्ट्रिक सप्लाई कर्पोशन ने इस दीर्घा के लिए विशेष प्रकार से संरचित मॉडेल सिटि ऑफ ज्वाय को ऊर्जावान करते हुए उपहार स्वरूप प्रदान कर इस दीर्घा में अपना योगदान दिया है । विद्युत उत्पादन, वितरण एवं सीईएससी द्वारा आपूरित बिजली की अंतिम रूप से खपत के नेटवर्क को व्यापक चित्रित मॉडेल और दीर्घाकार डिजिटल पैनल के माध्यम से दर्शाया गया है ।
नियमित उच्च वोल्टता समय-सारणी | 11:30 पूर्वाह्न, 1.00 अपराह्न, 3:30 अपराह्न और 4:30 अपराह्न |
परिसर का क्षेत्रफल : 170 वर्ग मीटर
प्रदर्शों की संख्या : 66